Shri Ram Shalaka Prashnavali | श्रीराम शलाका प्रश्नावली
गोस्वामी तुलसीदास रचित श्रीराम शलाका प्रश्नावली (Shri Ram Shalaka Prashnavali)
श्री राम शलाका प्रश्नावली (Shri Ram Prashnavali) गोस्वामी तुलसीदास रचित “श्री राम चरित मानस” पर आधारित है। मान्याता है कि किसी को जब कभी आपको अपने किसी प्रश्न का उत्तर प्राप्त करने की इच्छा हो तो श्री राम शलाका की मदद से अपने सवालों का जवाब प्राप्त किया जा सकता है। इस प्रश्नावली का प्रयोग करना बेहद आसान है।
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इस Blog के माध्यम से मैं आपको बताऊंगा कि अपने किसी प्रश्न का उत्तर रामशलाका की माध्यम से कैसे उसका हल ढूंढ सकते हैं।
गीता प्रेस की तुलसीदास के द्वारा लिखी गई रामचरितमानस के अंत या शुरुआत में रामशलाका है। आपको बस जैसा कि नीचे दी गई तस्वीर में दिखाया गया है ऐसा रामशलाका रामचरितमानस में ढूंढना है।
रामशलाका देखने की विधि:
- सबसे पहले भगवान श्री राम का स्मरण करते हुए अपने सवाल को मन में अच्छी तरह सोच लें। इसके बाद प्रश्नावली में दिए गए किसी भी अक्षर पर आंख बंद कर के अपनी उंगली रखें।
- आपके द्वारा क्लिक किए हुए अक्षर से प्रत्येक 9वें नम्बर के अक्षर को जोड़ कर एक चौपाई बनेगी जो की आपके प्रश्न का उत्तर होगी।
- अब जिस कोष्ठकका अक्षर लिख लिया गया है उससे आगे बढ़ना चाहिये तथा उसके नवें कोष्ठक में जो अक्षर पड़े उसे भी लिख लेना चाहिये।
- इस प्रकार प्रति नवें अक्षरको क्रमसे लिखते जाना चाहिये और तबतक लिखते जाना चाहिये, जबतक उसी पहले कोष्ठकके अक्षरतक अंगुली अथवा शलाका न पहुँच जाय।
- पहले कोष्ठकका अक्षर जिस कोष्ठकके अक्षरसे नवाँ पड़ेगा, वहाँतक पहुँचते-पहुँचते एक चौपाई पूरी हो जायगी, जो प्रश्नकर्ताके अभीष्ट प्रश्नका उत्तर होगी।
- यहाँ इस बातका ध्यान रखना चाहिये कि किसी-किसी कोष्ठकमें केवल ‘आ’ की मात्रा (1) और किसी-किसी कोष्ठकमें दो-दो अक्षर हैं। अत: गिनते समय न तो मात्रावाले कोष्ठकको छोड देना चाहिये और न दो अक्षरोंवाले काष्ठकको दो बार गिनना चाहिये।
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रामचरितमानस प्रश्नावली का प्रयोग करते समय ध्यान रखने योग्य बातें:
- जब भी आप श्री राम शलाका का उपयोग करे तो कुछ बातो का अवश्य ध्यान रखे जैसे की अपने मन को सभी नकारात्मक विचारों से मुक्त कर दे।
- एक समय में केवल एक प्रश्न पूछे, आपको अपना प्रश्न पूछने से पहले भगवान राम से दिल से प्रार्थना करनी चाहिए।
- ऐसे प्रश्न पूछें जो आपके और आपके जीवन के लिए उचित हैं| अर्थात कोई भी अनुचित प्रश्न पूछकर रामजी का अपमान न करें।
- यह केवल आपकी समस्या को सुलझाने का मार्ग दिखाती है लेकिन आपको रास्ता स्वयं खोजना होता हैं।
- आपको प्रश्नावली का उपयोग केवल तभी करना चाहिए जब आपको इस पर पूरा विशवास और भक्ति हो अन्यता यह आपके किसी काम का नही है। क्योंकि यह उसे ही सही मार्ग दिखता है जो व्यक्ति इस पर पूरा विशवास करते है।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यह लेख लोक मान्यताओं, हमारे पूज्य साधु संत और महान कथा वाचकों के दिए गए ज्ञान पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए AbhinavQuotes.Com उत्तरदायी नहीं है।