Bajrang Bali (Hanuman) Ji Ki Aarti Lyrics | हनुमान जी की आरती (आरती कीजै हनुमान लला की , दुष्ट दलन रघुनाथ कला की): मंगलवार के दिन करें हनुमान जी की आरती, पूरी होगी हर इच्छा
1. हनुमान जी की आरती हिंदी में
2. Hanuman Ji ki Aarti Lyrics in English
मंगलवार या शनिवार के दिन बजरंगबली की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है। इस दिन हनुमान जी को भक्त प्रसन्न करने के लिए व्रत भी रखते हैं। हनुमान जी इस कलयुग के प्रधान देव हैं और अजर-अमर हैं। हनुमान जी की कृपा से सभी तरह के दुख- दर्द दूर हो जाते हैं। हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए हनुमान जी की आरती जरूर करें। हनुमान जी की आरती करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
॥ हनुमान जी की आरती ॥
॥ श्री हनुमान स्तुति ॥
मनोजवं मारुत तुल्यवेगं,
जितेन्द्रियं, बुद्धिमतां वरिष्ठम् ॥
वातात्मजं वानरयुथ मुख्यं,
श्रीरामदुतं शरणम प्रपद्धे ॥
॥ आरती ॥
आरती कीजै हनुमान लला की।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।
जाके बल से गिरिवर कांपे।
रोग दोष जाके निकट न झांके।।
अंजनि पुत्र महाबलदायी।
संतान के प्रभु सदा सहाई।।
दे बीरा रघुनाथ पठाए।
लंका जारी सिया सुध लाए।।
लंका सो कोट समुद्र सी खाई।
जात पवनसुत बार न लाई।।
लंका जारी असुर संहारे।
सियारामजी के काज संवारे।।
लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे।
आणि संजीवन प्राण उबारे।।
पैठी पताल तोरि जमकारे।
अहिरावण की भुजा उखाड़े।।
बाएं भुजा असुर दल मारे।
दाहिने भुजा संतजन तारे।।
सुर-नर-मुनि जन आरती उतारे।
जै जै जै हनुमान उचारे।।
कंचन थार कपूर लौ छाई।
आरती करत अंजना माई।।
लंकविध्वंस कीन्ह रघुराई।
तुलसीदास प्रभु कीरति गाई।।
जो हनुमानजी की आरती गावै।
बसी बैकुंठ परमपद पावै।।
आरती कीजै हनुमान लला की।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥
॥ इति संपूर्णंम् ॥
॥ Hanuman Ji ki Aarti ॥
॥ Shri Hanuman Stuti ॥
Manojavm maaruta tulyavegam,
jitendriyam buddhimatam varissttha ॥
Vaatatmajam Vaanarayutha mukhyam,
Shriiramdutam sharanam prapadye ॥
॥ Aarti ॥ Aarti Ki Jai Hanuman Lala Ki।
Dushat Dalan Ragunath Kala Ki॥
Jake Bal Se Giriver Kaanpe।
Rog Dosh Ja Ke Nikat Na Jaanke॥
Anjani Putra Mahabaldaye।
Santan Ke Prabhu Sada Sahaye॥
De Beeraha Raghunath Pathai।
Lanka Jaari Siya Sudhi Laiye॥
Lanka So Kot Samundra Se Khaiy।
Jaat Pavan Sut Baar Na Laiye॥
Lanka Jaari Asur Sab Maare।
Siya Ramji Ke Kaaj Sanvare॥
Lakshman Moorchit Parhe Sakare।
Aan Sajeevan Pran Ubhaare॥
Paith Pataal Tori Yamkare।
Ahiravan Ke Bhuja Ukhaare॥
Baayen Bhuja Asur Dal Mare।
Daayen Bhuja Sab Santa Jana Tare॥
Surnar Munijan Aarti Utare।
Jai Jai Jai Hanuman Uchaare॥
Kanchan Thaar Kapoor Lo Chhai।
Aarti Karat Aajani Mai॥
Lanka Vidvance Kiye Ragurai।
Tulsidas Swami Aarti Gaaie॥
Jo Hanumanji Ki Aarti Gaave।
Basi Baikuntha Amar Padh Pave॥
Aarti Ki Jai Hanuman Lala Ki।
Dushat Dalan Ragunath Kala Ki॥
॥ Eti Sampuarnam ॥
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यह लेख लोक मान्यताओं, हमारे पूज्य साधु संत और महान कथा वाचकों के दिए गए ज्ञान पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए AbhinavQuotes.Com उत्तरदायी नहीं है।