Moral Stories in Hindi| नैतिक हिंदी कहानियाँ
गधों से बहस न करें | Don’t Argue With Donkeys
गधे ने बाघ से कहा :- “घास नीली है”।
बाघ ने उत्तर दिया :- “नहीं, घास हरी है।”
चर्चा गर्म हो गई, और दोनों ने उसे मध्यस्थता करने का फैसला किया, और इसके लिए वे जंगल के राजा शेर के सामने गए।
पुण्यों का मोल | Punyon Ka Mol | Value of Virtues
एक व्यापारी जितना अमीर था उतना ही दान-पुण्य करने वाला, वह सदैव यज्ञ-पूजा आदि कराता रहता था। एक यज्ञ में उसने अपना सब कुछ दान कर दिया। अब उसके पास परिवार चलाने लायक भी पैसे नहीं बचे थे। व्यापारी की पत्नी ने सुझाव दिया कि पड़ोस के नगर में एक बड़े सेठ रहते हैं। वह दूसरों के पुण्य खरीदते हैं।आप उनके पास जाइए और अपने कुछ पुण्य बेचकर थोड़े पैसे ले आइए, जिससे फिर से काम-धंधा शुरू हो सके।
अपने जीवन को एक जार (jar) में न फँसने दें | Don’t let Your Life trapped in a Jar
अनाज से भरे जार के शीर्ष पर एक चूहा रखा गया। अपने आस-पास इतना अधिक भोजन पाकर वह इतना प्रसन्न हुआ कि उसे भोजन की तलाश में इधर-उधर भागने की आवश्यकता ही नहीं पड़ी। अब वह खुशी-खुशी अपना जीवन व्यतीत कर सकता था। कुछ दिनों तक अनाज का आनंद लेने के बाद, वह जार की तह तक पहुँच गया।
Keep on doing selfless service | निस्वार्थ सेवा करते रहिए
तीन चार दिन पहले की बात है। अपनी 8 बर्षीय पुत्री को स्कूल से घर वापस लाने दो बजे स्कूल के गेट पर पहुंच गया था। दो बजकर दस मिनट से जुनियर class के छात्र बाहर आना शुरू करते हैं जबकि सीनियर छात्र तीन बजे से।गेट पर अभिभावकों की भीड़ लगी थी। एकाएक तेज बारिश शुरु हो गई। सभी ने अपनी छतरी तान ली। मेरे बगल में एक सज्जन बिना छतरी के खड़े थे। मैंने शिष्टाचार वश उन्हें अपनी छतरी में ले लिया।
Anajaane Karm Ka Phal | अनजाने कर्म का फल
एक राजा ब्राह्मणों को लंगर में महल के आँगन में भोजन करा रहा था। राजा का रसोईया खुले आँगन में भोजन पका रहा था। उसी समय एक चील अपने पंजे में एक जिंदा साँप को लेकर राजा के महल के उपर से गुजरी। तब पँजों में दबे साँप ने अपनी आत्म-रक्षा में चील से बचने के लिए अपने फन से ज़हर निकाला। तब रसोईया जो लंगर ब्राह्मणो के लिए पका रहा था, उस लंगर में साँप के मुख से निकली जहर की कुछ बूँदें खाने में गिर गई। किसी को कुछ पता नहीं चला।
Man Ka Bhoot | मन का भूत
एक आदमी ने एक भूत पकड़ लिया और उसे बेचने शहर गया। संयोगवश उसकी मुलाकात एक सेठ से हुई। सेठ ने उससे पूछा- भाई! यह क्या है.उसने जवाब दिया कि यह एक भूत है। इसमें अपार बल है। कितना भी कठिन कार्य क्यों न हो, यह एक पल में निपटा देता है। यह कई वर्षों का काम मिनटों में कर सकता है।
हम भय से ज्यादा भयभीत हैं | We are more afraid than afraid
एक पुरानी तिब्बती कथा है कि दो बाज़ एक वृक्ष पर आ कर बैठे। एक ने साँप अपने मुँह में पकड़ रखा था। भोजन था उनका, खाने की तैयारी थी। दूसरा एक चूहा पकड़ लाया था। दोनों वृक्ष पर पास-पास आकर बैठे।