एक पुरानी तिब्बती कथा है कि दो बाज़ एक वृक्ष पर आ कर बैठे। एक ने साँप अपने मुँह में पकड़ रखा था। भोजन था उनका, खाने की तैयारी थी। दूसरा एक चूहा पकड़ लाया था। दोनों वृक्ष पर पास-पास आकर बैठे।
Category: Moral Story
मन का भूत | Man Ka Bhoot
Anajaane Karm Ka Phal | अनजाने कर्म का फल
Keep on doing selfless service | निस्वार्थ सेवा करते रहिए
Keep on doing selfless service | निस्वार्थ सेवा करते रहिए तीन चार दिन पहले की बात है। अपनी 8 बर्षीय पुत्री को स्कूल से घर वापस लाने दो बजे स्कूल के गेट पर पहुंच गया था। दो बजकर दस मिनट से जुनियर class के छात्र बाहर आना शुरू करते हैं जबकि सीनियर छात्र तीन बजे… Continue reading Keep on doing selfless service | निस्वार्थ सेवा करते रहिए
Don’t let Your Life trapped in a Jar | अपने जीवन को एक जार में न फँसने दें
अपने जीवन को एक जार (jar) में न फँसने दें | Don’t let Your Life trapped in a Jar अनाज से भरे जार के शीर्ष पर एक चूहा रखा गया। अपने आस-पास इतना अधिक भोजन पाकर वह इतना प्रसन्न हुआ कि उसे भोजन की तलाश में इधर-उधर भागने की आवश्यकता ही नहीं पड़ी। अब वह… Continue reading Don’t let Your Life trapped in a Jar | अपने जीवन को एक जार में न फँसने दें
Punyon Ka Mol (पुण्यों का मोल)
पुण्यों का मोल | Punyon Ka Mol | Value of Virtues एक व्यापारी जितना अमीर था उतना ही दान-पुण्य करने वाला, वह सदैव यज्ञ-पूजा आदि कराता रहता था। एक यज्ञ में उसने अपना सब कुछ दान कर दिया। अब उसके पास परिवार चलाने लायक भी पैसे नहीं बचे थे। व्यापारी की पत्नी ने सुझाव दिया… Continue reading Punyon Ka Mol (पुण्यों का मोल)
Don’t Argue With Donkeys (गधों से बहस न करें)
गधों से बहस न करें | DON’T ARGUE WITH DONKEYS
जब अज्ञान चिल्लाता है तो बुद्धि मौन होती है। आपकी शांति और चुप्पी अधिक मूल्यवान है।
गधे ने बाघ से कहा :- “घास नीली है”।
बाघ ने उत्तर दिया :- “नहीं, घास हरी है।”
चर्चा गर्म हो गई, और दोनों ने उसे मध्यस्थता करने का फैसला किया, और इसके लिए वे जंगल के राजा शेर के सामने गए।
वन सभा में पहुँचने के बाद, जहाँ शेर अपने सिंहासन पर बैठा था, गधा चिल्लाने लगा: – “महाराज, क्या यह सच है कि घास नीली है?”।
शेर ने उत्तर दिया :- “सच है, घास नीली होती है।”