We are more afraid than afraid | हम भय से ज्यादा भयभीत हैं

एक पुरानी तिब्बती कथा है कि दो बाज़ एक वृक्ष पर आ कर बैठे। एक ने साँप अपने मुँह में पकड़ रखा था। भोजन था उनका, खाने की तैयारी थी। दूसरा एक चूहा पकड़ लाया था। दोनों वृक्ष पर पास-पास आकर बैठे।

मन का भूत | Man Ka Bhoot

मन का भूत | Man Ka Bhoot
एक आदमी ने एक भूत पकड़ लिया और उसे बेचने शहर गया। संयोगवश उसकी मुलाकात एक सेठ से हुई। सेठ ने उससे पूछा- भाई! यह क्या है.उसने जवाब दिया कि यह एक भूत है। इसमें अपार बल है। कितना भी कठिन कार्य क्यों न हो, यह एक पल में निपटा देता है। यह कई वर्षों का काम मिनटों में कर सकता है।

Anajaane Karm Ka Phal | अनजाने कर्म का फल

ना बुरा देखो, ना बुरा सुनो, ना बुरा बोलो। अक्सर हम जीवन में सोचते हैं कि हमने जीवन में ऐसा कोई पाप नहीं किया, फिर भी हमारे जीवन में इतना कष्ट क्यों आया? ये कष्ट और कहीं से नहीं, बल्कि लोगों की बुराई करने के कारण उनके पाप-कर्मो से आया होता हैं जो बुराई करते ही हमारे खाते में ट्रांसफर हो जाता हैं।

Keep on doing selfless service | निस्वार्थ सेवा करते रहिए

Keep on doing selfless service | निस्वार्थ सेवा करते रहिए तीन चार दिन पहले की बात है। अपनी 8 बर्षीय पुत्री को स्कूल से घर वापस लाने दो बजे स्कूल के गेट पर पहुंच गया था। दो बजकर दस मिनट से जुनियर class के छात्र बाहर आना शुरू करते हैं जबकि सीनियर छात्र तीन बजे… Continue reading Keep on doing selfless service | निस्वार्थ सेवा करते रहिए

Don’t let Your Life trapped in a Jar | अपने जीवन को एक जार में न फँसने दें

अपने जीवन को एक जार (jar) में न फँसने दें | Don’t let Your Life trapped in a Jar अनाज से भरे जार के शीर्ष पर एक चूहा रखा गया। अपने आस-पास इतना अधिक भोजन पाकर वह इतना प्रसन्न हुआ कि उसे भोजन की तलाश में इधर-उधर भागने की आवश्यकता ही नहीं पड़ी। अब वह… Continue reading Don’t let Your Life trapped in a Jar | अपने जीवन को एक जार में न फँसने दें

Punyon Ka Mol (पुण्यों का मोल)

पुण्यों का मोल | Punyon Ka Mol | Value of Virtues एक व्यापारी जितना अमीर था उतना ही दान-पुण्य करने वाला, वह सदैव यज्ञ-पूजा आदि कराता रहता था। एक यज्ञ में उसने अपना सब कुछ दान कर दिया। अब उसके पास परिवार चलाने लायक भी पैसे नहीं बचे थे। व्यापारी की पत्नी ने सुझाव दिया… Continue reading Punyon Ka Mol (पुण्यों का मोल)

Don’t Argue With Donkeys (गधों से बहस न करें)

गधों से बहस न करें | DON’T ARGUE WITH DONKEYS
जब अज्ञान चिल्लाता है तो बुद्धि मौन होती है। आपकी शांति और चुप्पी अधिक मूल्यवान है।

गधे ने बाघ से कहा :- “घास नीली है”।
बाघ ने उत्तर दिया :- “नहीं, घास हरी है।”
चर्चा गर्म हो गई, और दोनों ने उसे मध्यस्थता करने का फैसला किया, और इसके लिए वे जंगल के राजा शेर के सामने गए।
वन सभा में पहुँचने के बाद, जहाँ शेर अपने सिंहासन पर बैठा था, गधा चिल्लाने लगा: – “महाराज, क्या यह सच है कि घास नीली है?”।
शेर ने उत्तर दिया :- “सच है, घास नीली होती है।”